जामताड़ा: जिले के 3,54,295 बच्चों को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर कृमि नाशक दवा खिलाई जाएगी. सिविल सर्जन डा. आशा एक्का ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए जेबीसी प्लस टू स्कूल, कन्या मध्य विद्यालय, आदर्श मध्य विद्यालय सहित जिले के अन्य विद्यालयों के विद्यार्थियों के द्वारा कृमि जागरूकता रैली निकालकर जन-जन तक बच्चों को कृमि नाशक दवा खिलाने का संदेश पहुंचाया गया.
सदर अस्पताल स्थित सिविल सर्जन के कार्यालय सभाकक्ष में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के सफल संचालन को लेकर मीडिया ब्रीफिंग कार्यशाला का भी आयोजन किया गया. इस दौरान सिविल सर्जन के द्वारा दिनांक-10 फरवरी 2020 को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस एवं दिनांक 17 फरवरी 2020 को मॉपअप दिवस आयोजित किए जाने की जानकारी दी गई. यह कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग एवं समाज कल्याण विभाग के द्वारा सम्मिलित रूप से आयोजित किया जाएगा.
इसके अलावे जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में कृमि नाशक दवा उपलब्ध कराई जाएगी. इस कार्यक्रम के तहत 1 से 19 वर्ष के बच्चों को विद्यालय एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को एलबेंडाजोल दवा खिलाया जाएगा. इस दवाई को खिलाने के लिए शिक्षा विभाग एवं आंगनबाड़ी केंद्र की सहायिका एवं सेविका को प्रशिक्षण दिया गया है.
सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों के बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकृत एवं अपंजीकृत बच्चे को मिलाकर जिले के कुल 3,54,295 बच्चों को कृमि नाशक दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है.
एलबेंडाजोल को खिलाने के संबंध में बताया गया है कि:
•1-2 वर्ष के बच्चों को अधी गोली पानी में घोलकर खिलाना है
• 2-3 वर्ष के बच्चे को पूरी गोली पानी में घोलकर पिलाना है
• 3-19 वर्ष के बच्चे को पूरी गोली चबा चबा कर खिलाना है
कृमि नाशक दवा शिक्षक के सामने बच्चों को खिलाया जाएगा. साथ ही खिलाए गए बच्चों की सूची तैयार की जाएगी. जिससे पता लगाया जा सके कि कितने बच्चों को दवा खिलाया गया है, ताकि छूटे हुए बच्चों को मॉपअप के दिन दवा खिलाया जा सके.
सिविल सर्जन ने बताया कि कृमि से ग्रसित बच्चों का समुचित विकास नहीं हो पाता है. शरीर में पेट के कीड़ों के द्वारा पोषण अवशोषित कर लेते है और बच्चा एनीमिया का शिकार हो जाता है. एनीमिया का शिकार हो जाने से शरीर का विकास, बौद्धिक क्षमता एवं रुचि में कमी होने लगती है. स्वास्थ भी हमेशा खराब रहता है, इसीलिए कृमि की दवा लेना जरूरी है.
उन्होंने बताया कि कृमि नाशक दवा खाने से कोई दुष्प्रभाव नहीं होते हैं. यह दवा सभी के लिए सुरक्षित है, लेकिन गंभीर रूप से कृमि से ग्रसित बच्चों को दवा खाने के बाद- जी मचलना, उल्टी, पेट दर्द, थकान एवं दस्त हो सकते है. घबराने की कोई बात नहीं है, इसके लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदाधिकारी एवं कर्मचारी गठित किए गए है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य है गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी राष्ट्रीय कृमि दिवस जामताड़ा में सफल संचालन हो सके.