रांची: कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी अपने बयान की वजह से एक बार फिर से सुर्खियों में आ गये हैं. भाजपा विधायकों द्वारा सदन में लगातार हंगामा करने को लेकर इरफान ने कहा कि भाजपा के विधायकों में संस्कृति नाम की कोई चीज नहीं है. इनकी हरकतें देख कर ऐसा नहीं लगता है कि ये लोग सदन में बैठे हैं.
ये लोग अपनी मर्यादा भूल गये हैं और सदन में कुत्तों की तरह भौंक रहे हैं. उन्होंंने स्पीकर से कहा कि जो लोग सदन में इस तरह की हरकत कर रहे हैं उन्हें मार्शल बुलाकर बाहर करें. उनके खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की.
इरफान ने कहा कि इन विधायकों की हरकतें देख कर ऐसा नहीं लगता है कि ये लोग दो टर्म से चुन कर सदन में आये हैं.
जल्दाबाजी में निर्णय लेना उचित नहीं: रामेश्वंर
राज्य के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने भाजपा से सदन चलने देने की अपील की है. नेता प्रतिपक्ष के मामले पर डॉ उरांव ने कहा कि हम सभी को संविधान पढ़ने और समझने की जरूरत है. दसवीं शिड्यूल का मामला है, इस पर ही निर्णय होगा. जल्दबाजी में निर्णय करा लेना कहीं से भी उचित नहीं होगा. इस मामले को लेकर अब गतिरोध समाप्ता होना चाहिए. जनता के सवालों को सदन में आने देना चाहिए.
सदन का गतिरोध समाप्तत होना चाहिए: सरयू
विधायक सरयू राय ने भी इस पर अपनी सहमति जताते हुए कहा कि जब स्पीकर ने कहा है कि इस मामले पर कानूनी राय ले रहे हैं और विधिसम्मत कार्रवाई करने की बात कह दी है तो उन्हें समय देना चाहिए.
भाजपा विधायकों को इस बारे में विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर बात करनी चाहिए. नेता प्रतिपक्ष के मामले में कितना समय लगेगा, उनसे पूछना चाहिए. जो गतिरोध है उसे समाप्त करना चाहिए.
Also Read This: बीएनएन ब्रेकिंगः ओरमांझी जैविक उद्यान को जू ऑथिरिटी ऑफ इंडिया ने किया था सर्तक, निदेशक भी अतिरिक्त प्रभार में, फूल टाइमर होना चाहिए निदेशक
नेता प्रतिपक्ष के बगैर सदन अधूरा: अनंत
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायक अनंत ओझा ने नेता प्रतिपक्ष के मामले को लेकर बोलना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि अब तक नेता प्रतिपक्ष के मामले पर निर्णय नहीं हुआ है, नेता प्रतिपक्ष के नहीं होने से सदन अधूरा है. भाजपा के विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष चुन लिया है. बगैर प्रतिपक्ष के सदन कैसे चलेगा. इस मामले पर विचार होना चाहिए.