रांची: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आरोप लगाया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि गठबंधन सरकार राज्य के महाजनों पर मेहरबान है. तभी सरकार ने कृषि आशीर्वाद योजना को बन्द किया है.
प्रतुल ने कहा कि रघुवर दास की सरकार ने किसानों को महाजनों के चंगुल से निकालने के लिए ₹5000 से लेकर ₹25000 तक खेती के लिए प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय किया था और इसके इंस्टॉलमेंट किसानों के खाते में जमा भी होने लगे थे. इसके पीछे तर्क यह था कि किसानों को कर्ज लेकर खेती ना करना पड़े. लेकिन हेमंत सरकार ने इस योजना को बंद करके दिखा दिया है कि वह फिर से किसानों को महाजनों के चंगुल में भेजना चाहती है. इनके पार्टी के अध्यक्ष शिबू सोरेन ने तो महाजनों के खिलाफ ही आंदोलन की शुरुआत की थी और झामुमो आज इन्हें ही प्रश्र दे रही है.
प्रतुल ने कहा कि योजना का बंद किए जाने पर भाजपा विधानसभा से लेकर सड़कों तक विरोध करेगी क्योंकि यह राज्य के मूलवासी आदिवासी किसानों के हित से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ था.
प्रतुल ने कहा कि किसान ऋण माफी की घोषणा भी एक छलावा है. गठबंधन के दलों ने अपने घोषणा पत्र में किसानों के ऋण माफी की बात कही थी. इसमें कोई आर्थिक सीमा नहीं लगाई गई थी, लेकिन बजट में सरकार ने सिर्फ ₹50000 तक के ऋण माफी करने की घोषणा की.
सरकार ने यह भी नहीं बताया कि ग्रामीण बैंक, कोऑपरेटिव बैंक और निजी बैंकों से जिन किसानों ने ऋण लिया है उनके ऋण माफी की योजना का क्या स्वरूप होगा. छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में इन्हीं जगहों पर परेशानी हुई थी और सिर्फ 34% किसानों को ऋण माफी योजना का लाभ मिला था जबकि वहां भी सरकार ने शत-प्रतिशत किसानों को लाभ देने की बात कही थी.