रांचीः विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन दूसरी पाली भी हंगामेदार रही. दोपहर दो बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते के विपक्ष ने इरफान अंसारी को माफी मांगने को लेकर हंगामा शुरू कर दिया. 02:28 बजे पूरा विपक्ष वॉक आउट कर गया.
सदन बहिष्कार की वजह यह भी रही कि सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का मसला विचाराधीन है, तब तक शांति से सदन को चलने दें, फिलहाल, अपने से ही किसी नेता को प्रतिपक्ष चुनकर सदन को चलने दें.
इस पर विपक्ष के सारे विधायक वेल में आ गये और नारेबाजी शुरू कर दी. नारेबाजी करते हुए सारे विधायक सदन से बाहर चले गये. स्पीकर ने कहा कि न्याय कि प्रक्रिया में आप सभी लोग खुद बाधक बन रहे हैं. ऐसे में कैसे न्याय मिलेगा. हमलोग देख रहे हैं थोड़ा समय दीजिए.
उन्होंने कहा कि आपके वरिष्ठ विधायक सीपी सिंह की बातों का तो ख्याल करें. इस बीच विपक्ष ने इरफान अंसारी को बर्खास्त करने की भी मांग करने लगे.
वरिष्ठ विधायकों की सीट आगे कर दें: सीपी सिंह
दूसरी पाली शुरू होते ही विधायक सीपी सिंह ने विधायकों के सीट आंवटन का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि तीन बार के विधायक राजेंद्र सिंह, केदार हाजरा, कोचे मुंडा को पीछे की सीट आवंटित कर दी गयी हैं. जो सही नहीं है. उनकी सीट आगे होने चाहिए. उन्होंने अध्यक्ष सीट आवंटन की व्यवस्था को दूरूस्त करने की मांग की.
जब तक मान्यता नहीं तब तक वर्तमान व्यवस्थान को ही मान कर चलें: आलमगीर
हो हंगामे के बीच विधायक आलमगीर आलम ने कहा कि जब तक नेता प्रतिपक्ष पर कोई निर्णय नहीं हो जाता तब तक जो वर्तमान व्यवस्था है, उसे मानिये और सदन को शांतिपूर्वक चलने दीजिए.
घोषणा और वास्तविकता से परे है बजट: सुदेश
विपक्ष की गैर-मौजूदगी में बजट पर चर्चा शुरू हुई. विधायक सुदेश महतो ने बजट पर बातें रखी. उन्होंने बजट में कई सारी खामियां बतायी. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री की बजट घोषणा और वास्तविकता से एकदम परे है. स्वास्थय
सरकार ने कहा कि राज्य के पांच लाख युवाओं को नौकरी देंगे, नहीं तो भत्ता देंगे वो भी सालाना. सत्ता पक्ष के सारे विधायक कैलकुलेट कर लें और बता दें कि एक बेरोजगार को महीने में कितना मिलेगा. झारखंड में 24 लाख गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करने वाले लोग हैं. इसमें 12 लाख परिवारों को रोजी रोटी और पेट पालना ही नहीं है उनका उत्थाान के बारे में भी सोचना होगा. यह बजट जल्दबाजी में तैयार किया गया है.
उन्होंने वित्त मंत्री से आग्रह भी किया की बजट का आकलन कर लें. उन्होंने कहा कि बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण जिसमें सरकार ने अच्छा खासा बजटीय प्रावधान किया है. अगर स्वास्थय की बात करें तो राज्य में 623 अस्पताल है और 12210 बेड हैं. गणना को आधार मानें तो एक अस्पताकल में 52915 लोगों का भार है.
यहीं नहीं एक बेड पर 2722 लोग का भार है. इस राज्य में 83 हजार चिकित्सक और एएनएम की आवश्यकता है. जहां तक स्कूली शिक्षा की बात है तो पांच से आठ कक्षा तक जाते जाते 85 फीसदी बच्चों का स्कूल छूट जाता है. 15 लाख बच्चों की पढ़ाई कक्षा 10 तक जाते जाते छूट जाता है. इस पर सरकार को विचार करना चाहिए.