रांची: आदिवासी मूलवासी के विकास के नाम पर सत्ता में आई हेमंत सरकार को आदिवासियों की कोई चिंता नहीं है. आदिवासी समाज मे निराशा है, यह बयान भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व आईपीएस अधिकारी अरुण उरांव ने दिया.
उन्होंने कहा कि इस सरकार में आदिवासी असुरक्षित हैं. उन्होंने कहा कि यह सरकार,आपके द्वार कार्यक्रम का दावा करती है, दम्भ भरती है परंतु आदिवासियों की सुध लेने वाला कोई नहीं है.
उरांव ने कहा कि 6 मार्च को लातेहार सदर प्रखंड के कुड़पनी टोला में आदिम जनजाति परिवार के तीन सदस्य नदी में अचानक आई बाढ़ से बहकर मर गए, बड़ी मुश्किल से मृतकों की लाश मिली. जिसमें दासी परहिया, संगीता देवी एवं इनकी 4 वर्ष की बेटी छलकिता कुमारी शामिल है.
उन्होंने कहा कि अभी तक सरकार का कोई भी प्रतिनिधि इनकी सुध लेने नहीं पहुंचा. यह सरकार पूरी तरह संवेदनहीन सरकार है. इसके पूर्व भी नवजात की डेड बॉडी को एम्बुलेंस के अभाव में पॉलीथिन के माध्यम से घर तक परिजन द्वारा ले जाने की खबर भी आई थी.
उरांव ने कहा कि सरकार बनते ही आदिवासियों की नृशंश हत्या से सरकार की आदिवासियों के प्रति कितनी चिंता है, यह बात लोग समझ चुके हैं.