हजारीबाग: दहेज मुक्त झारखंड के रास्ट्रीय संस्थापक समाजसेवी डॉ. आनन्द कुमार शाही ने झारखंड के प्रवासी मजदूर जो झारखंड से अपनी रोजी रोटी कमाने के लिए मुंबई, दिल्ली और कोलकाता जैसे शहर गए थे, वह भारत में कोरोना वायरस के कारण हुए लॉक डाउन की वजह से अपने घर लौट नहीं पाए हैं और उस अनजान शहर जहां उनका कोई नहीं है, अपने छोटे से कमरे में बंद हैं.
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इनके खाने का भी कोई इंतजाम नहीं होने के कारण यह कई दिनों से भूखे भी हैं और काफी परेशान है. इन प्रवासी मजदूरों को वापस झारखंड लाने के लिए दहेज मुक्त झारखंड के रास्ट्रीय अध्यक्ष बिजय प्रसाद एवं रास्ट्रीय उपाध्यक्ष आशीष गुप्ता ने भी सीएम हेमंत सोरेन से अनुरोध किया है.
आपको बता दें कि झारखंड से गए मजदूरों की लिस्ट भी सीएम हेमंत सोरेन के पास भेज दी गई है जिसमें विष्णुगढ़, बरही, कोडरमा, जयनगर, रामगढ़, हजारीबाग, गिरिडीह, चतरा जैसे कई अन्य जिलों के मजदूरों के नाम शामिल है जो मुंबई, दिल्ली और कोलकाता जैसे शहरों में फंसे पड़े हैं और अपने घर भी नहीं आ पा रहे हैं.
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दहेज मुक्त झारखंड ने सीएम हेमंत सोरेन से यह अनुरोध किया है कि इन मजबूर और असहाय प्रवासी मजदूरों को घर वापस लाया जाए और इनके परिवार वालों से इन्हें मिला दिया जाए ताकि इस कोरोना वायरस जैसी महामारी के समय में यह मजदूर अपने घर में अपने परिवार के साथ रह सके.