रांची: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के विभिन्न हिस्सों में राहत शरण स्थलों-शिविरों में रखे गए प्रवासी मजदूरों के कल्याण के संबंध में दिये गए सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की अनुपालना में कोविड-19 से प्रभावी ढंग से लड़ने के लिए लॉकडाउन उपायों को लागू करते हुए आवश्यक कार्रवाई करने के लिए झारखंड सरकार को पत्र भेज कर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया है.
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केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से लिखे गये पत्र में कहा गया है कि न्यायालय ने निर्देश दिया था कि देश भर में राहत शिविरों व शरण स्थलों में प्रवासी श्रमिकों के लिए भोजन, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता की समुचित व्यवस्था के अलावा पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं. इसके अलावा, सभी धर्मों से संबंधित प्रशिक्षित काउंसलर और या सामुदायिक समूह के नेताओं को राहत शिविरों-शरण स्थलों का दौरा करना चाहिए और प्रवासियों को होने वाली किसी भी तकलीफ से निपटना चाहिए.
न्यायालय ने यह भी टिप्पणी की कि पुलिस और अन्य अधिकारियों द्वारा प्रवासियों की चिंता और भय को समझा जाना चाहिए, और उन्हें प्रवासियों के साथ मानवीय व्यवहार करना चाहिए. इसके साथ ही राज्य सरकारों-संघ शासित प्रदेशों को प्रवासियों की कल्याणकारी गतिविधियों की निगरानी के लिए पुलिस के साथ-साथ स्वयंसेवकों को जोड़ने का प्रयास करना चाहिए.
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गृह मंत्रालय ने अपने परिपत्र में सभी राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों को दोहराया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रवासियों के बीच मनोवैज्ञानिक मुद्दों से निपटने के लिए राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं.