रांची: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने राज्य सरकार के द्वारा स्पेशल ब्रांच में लोहरदगा में पदस्थापित डीएसपी जितेंद्र कुमार सहित चार डीएसपी के तबादले की घटना को तुष्टिकरण की राजनीति की पराकाष्ठा बताया है.
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प्रतुल ने कहा लोहरदगा के सांप्रदायिक दंगों ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया था. स्पेशल ब्रांच के डीएसपी ने 29 फरवरी को ही मुख्यालय को रिपोर्ट भेज कर इन दंगों में रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के हाथ होने की बात कही थी. उन्होंने लोहरदगा के 13 लोगों पर इन्हें संरक्षण देने की भी बात कही थी. संरक्षकों में सत्ताधारी गठबंधन के घटक दल कांग्रेस के नेताओं और उनके रिश्तेदारों का भी नाम था. सरकार को इस रिपोर्ट पर संज्ञान लेना चाहिए था लेकिन इसके उलट हेमंत सरकार ने लोहरदगा के अंजुमन इस्लामिया कमेटी के द्वारा इस रिपोर्ट के खिलाफ 11 अप्रैल को लिखे गए पत्र के आलोक में 4 दिन के भीतर ही लोहरदगा के विशेष शाखा के उपाधीक्षक सहित कुल चार उपाधीक्षकों का तबादला कर दिया. हिंदपीढ़ी मॉडल की तर्ज पर ही लोहरदगा में भी सरकार ने स्पेशल ब्रांच में अल्पसंख्यक अफसर की नियुक्ति की.
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प्रतुल ने कहा कि लोहरदगा में शांतिपूर्ण जूलूस पर हुए हमले के कारण हुए दंगों के बाद जब 20 दिन तक कर्फ्यू था तो मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा था कि ऐसी छोटी मोटी घटनाएं होती ही रहती हैं. यह बयान पूरे सरकार की बहुसंख्यक समाज के प्रति सोच को दिखाता है. प्रतुल ने कहा कि भाजपा मानती है कि इस तरीके से विदेशियों की उपस्थिति की रिपोर्टिंग करने वाले अफसरों के तबादले से पुलिस बल का मनोबल टूटेगा. प्रतुल ने कहा की हेमंत सरकार ने तुष्टीकरण की सारी हदें पार कर दी हैं और अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए गैर वाजिब कदम उठा रहे हैं. प्रदेश भाजपा अति शीघ्र भारत सरकार के माननीय गृह मंत्री से इस पूरे मसले की एनआईए जांच करवाने की मांग भी रखेगी.