रांची: लॉकडाउन में कई कार्यालय बंद हैं. लोगों को वर्क फ्रॉम होम के आदेश दिये हैं. इस दौरान तकनीक का उपयोग बढ़ा है. इसकी वजह से दफ्तरों में मीटिंग के लिए जूम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप का इस्तेमाल हो रहा है. हालांकि केंद्र सरकार ने इसके इस्तेमाल को लेकर चेताया है. कहा है कि यह सुरक्षित प्लेटफॉर्म नहीं है. इसकी चेतावनी गृह मंत्रालय के साइबर समन्वय केंद्र (सीसीसी) ने दी है.
सरकारी कामकाज के लिए एप सुरक्षित नहीं
साइबर समन्वय केंद्र की तरफ से इस बारे में एडवाइजरी जारी किया गया है. इसमें कहा गया कि जूम मीटिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग सिर्फ निजी व्यक्तियों के लिए सुरक्षित है. यह सरकारी कार्यालयों या आधिकारिक उद्देश्यों के मद्देनजर सुरक्षित नहीं है. इसके बाद सरकार ने कहा था कि सीईआरटी-इन ने इसी साल 6 फरवरी और 30 मार्च को सूचित किया कि जूम एप सुरक्षित प्लेटफॉर्म नहीं है.
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‘एनआईसी प्लेटफॉर्म का करें इस्तेमाल’
लॉकडाउन की घोषणा के बाद सरकार सहित कई लोग वीडियो कॉन्फ्रेंस के लिए जूम एप का उपयोग कर रहे है. इसलिए सरकार की तरफ से सभी मंत्रालयों सहित अन्य सरकारी कामकाज के लिए वीडियो-मीटिंग के लिए स्वदेशी रूप से विकसित राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने को कहा है. जूम एप का सॉफ्टवेयर चीन में बनाया गया है. इस कारण सुरक्षा के बाबत यह खतरा बन सकता है.
निजी उपयोगकर्ताओं को लेकर दिए दिशानिर्देश
गृह मंत्रालय के साइबर समन्वय केंद्र ने निजी उपयोग करने वालों की सुरक्षा को लेकर जारी दिशा निर्देश में कहा है कि जो व्यक्ति निजी कार्यों के लिए जूम एप का उपयोग करना चाहते हैं, उन्हें इसका पालन करना चाहिए. केंद्र ने कहा कि कॉन्फ्रेंस रूम में अनाधिकृत प्रवेश और अनाधिकृत रूप से किसी की भागीदारी में दूसरों के टर्मिनलों पर प्रतिक्रिया देने से बचना चाहिए. निजी यूजर्स को सलाह भी दी गई कि पासवर्ड और एक्सेस को लेकर उन्हेंं ‘DOS’ हमलों से बचना चाहिए.
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साइबर समन्वय केंद्र का दिशा-निर्देश
- हर मीटिंग के लिए नया यूजर आईडी और पासवर्ड सेट करें.
- ‘वेटिंग रूम’ फीचर ऑन करें. इससे मीटिंग में लोग तभी आ पाएंगे, जब होस्ट अनुमति देगा.
- ‘ज्वॉइन बिफोर होस्ट’ फीचर ऑफ कर दें. ऐसा करने से कोई भी यूजर होस्ट से पहले मीटिंग में नहीं आ पाएगा.
- स्क्रीन शेयरिंग बाय होस्ट ऑनली फीचर ऑन रखें.
- अलो रिमूव्ड पार्टिसिपेंट्स टू री-ज्वॉइन फीचर को बंद कर दें.
- अगर जरूरत न हो, तो फाइल ट्रांसफर का ऑप्शन बंद कर दें.
- एक बार सभी लोग मीटिंग में आ जाएं, तो मीटिंग को लॉक कर दें.
- रिकॉर्डिंग फीचर ऑफ रखें.
- अगर आप एडमिनिस्ट्रेटर हैं, तो मीटिंग को सिर्फ छोड़े नहीं, उसे बंद करें.