बिहार: बिहार में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या भले ही लगातार बढ़ रही हो, लेकिन सरकार इसे रोकने के लिए हरसंभव उपाय कर रही है. वैसे, देखा जाए तो यहां कोविड-19 के फैलने का मुख्य कारण संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आना माना जा रहा है.
कहा जा रहा है कि पीड़ित की लापरवाही के कारण संक्रमितों की संख्या में वृद्धि हुई है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी स्वीकार किया है कि संक्रमितों के संपर्क में राज्य में मरीजों की संख्या बढ़ी है.
बिहार में सबसे अधिक कोविड-19 संक्रमितों की संख्या सीवान, मुंगेर और नालंदा में पाई गई है. कतर से लौटे एक युवक ने मुंगेर में कोरोना के चेन को तैयार किया. संक्रमित युवक के संपर्क में आने से राज्य में 13 लोग कोरोना वायरस संक्रमित हुए. उस युवक की बाद में हालांकि पटना एम्स में मौत हो गई, लेकिन इसके पहले वह पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती हुआ था. इस कारण एक संक्रमित व्यक्ति के कारण दो दर्जन से अधिक लोगों को जांच प्रक्रिया में शामिल किया गया.
इधर, सीवान में भी ओमान से आए एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से परिवार के लोगों सहित 24 व्यक्ति कोरोना संक्रमित हुए. संक्रमित व्यक्ति ओमान से लौटने के बाद कोरोना का चेन तैयार कर दिया. यह व्यक्ति अपने घर के परिवारों के साथ तो रहा ही इसने लोगों के साथ क्रिकेट भी खेल ली.
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार भी कहते हैं कि संक्रमित के शक होने के बाद जिम्मेदारी और बढ़ जाती है. आशंका के बाद घर में रहे और जांच कराएं. इस चेन को तोड़ने के लिए लोग घर में ही रहें.
इधर, नालंदा भी इन दिनों कोरोना के मामले में हॉटस्पॉट बन गया है. नालंदा जिले के मुख्यालय बिहारशरीफ में एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से उनके 16 परिजन संक्रमित हुए हैं. पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नोडल अधिकारी डॉ.अजय सिंह कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति को अगर वायरस की आशंका हो तो उसे खुद को आइसोलेशन में रखना चाहिए. इससे समुदाय में इसका विस्तार कम होगा. उन्होंने कहा कि इलाज के बाद अधिकांश मरीज ठीक हो रहे हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समीक्षा बैठक में कहा कि राज्य में पिछले 24 घंटे में कोरोना पॉजिटिव मरीज की संख्या बढ़ी है, लेकिन उससे घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह सिर्फ एक संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आये हुये लोगों का मामला है.