नई दिल्ली: कोरोना महामारी बीच हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि कोरोना से लड़ाई के वक्त बीजेपी नफरत का वायरस फैला रही है. बैठक में सोनिया गांधी ने कोरोना टेस्टिंग, पीपीई किट से लेकर किसान, मजदूरों की समस्याओं को लेकर केंद्र सरकार को घेरा और गरीब परिवारों को साढ़े सात हजार रुपए की मदद देने की मांग दोहराई.
कोरोना के वक्त बीजेपी पर साम्प्रदायिक राजनीति करने से बाज ना आने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा, “जब हम सबको मिलकर कोरोना से लड़ना चाहिए तब बीजेपी साम्प्रदायिक पूर्वाग्रह और नफरत के वायरस फैला रही है जो चिंताजनक है. इससे सामाजिक सौहार्द का बड़ा नुकसान हो रहा है. हमें इस नुकसान की भरपाई करनी होगी.”
केंद्र सरकार पर सुझावों पर ध्यान ना देने का आरोप लगाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि, मैंने सरकार को सहयोग और सुझाव दिए लेकिन दुर्भाग्य से उन्हें बेहद कम अमल में लाया गया. सरकार में करुणा, उदारता और तत्परता कमी है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिए अपने भाषण में सोनिया ने टेस्टिंग की कम संख्या और टेस्टिंग किट, पीपीई किट की कमी का मुद्दा उठाते हुए केंद्र सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि टेस्टिंग की संख्या अब भी कम है. टेस्टिंग किट और पीपीई किट की आपूर्ति पर्याप्त नहीं है और उनकी क्वालिटी भी अच्छी नहीं है.
कोरोना से अर्थव्यवस्था के नुकसान को लेकर बात करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार से गरीबों को न्यूनतम साढ़े सात हजार रुपए की आर्थिक मदद करने की मांग की. सोनिया गांधी ने कहा कि महामारी की रफ्तार बढ़ रही है. लॉकडाउन के पहले चरण में 12 करोड़ नौकरियां खत्म हुई हैं. व्यापार, उद्योग रुक गए हैं और करोड़ों लोगों की रोजी-रोटी तबाह हुई हैं. बेरोजगारी और बढ़ने वाली है. किसान, खेतिहर मजदूर, प्रवासी मजदूर, असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं. ऐसे में सरकार इस संकट से उबरने के लिए हर परिवार को 7,500 रुपए की आर्थिक मदद करे.