लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने कॉरपोरेट व्यवस्था को तरजीह देते हुए कोऑपरेटिव फार्मिंग की चर्चा शुरू कर दी है. इससे किसानों के खेत भी कॉरपोरेट के जाल में फंस जाएंगे.
उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की 33वीं पुण्यतिथि के अवसर पर पार्टी कार्यालय में उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया.
उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृषि को ताकत देने वाली नीतियां लागू की. इसके विपरीत भाजपा की योजना है कि खेती कॉरपोरेट संस्थाओं के हवाले हो जाए. अब भाजपा की कुदृष्टि किसानों की खेती पर है. इस कारण किसानों के खेत भी कॉरपोरेट के जाल में फंस जाएंगे.
उन्होंने कहा कि इससे किसानों को फायदा कम, नुकसान ज्यादा होगा. किसान, गांव और कृषि जब तक आत्मनिर्भर नहीं होंगे, तब तक आत्मनिर्भर भारत की बात करना दिवास्वप्न है.
अखिलेश ने कहा कि भाजपा नेतृत्व का गांवों से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है, इसलिए ये किसान विरोधी फैसले ले रहे हैं.
सपा प्रमुख ने कहा, “चौधरी चरण सिंह ने गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृषि को ताकत देने की नीतियों को लागू किया. चौधरी साहब ने सहकारी खेती का विरोध नागपुर के कांग्रेस अधिवेशन में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा था कि भारत के गांव और किसानों तथा छोटी जोत की कृषि के लिए सहकारी खेती की योजना अव्यावहारिक है.”
अखिलेश ने कहा कि साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कैसे होगी, इस पर चर्चा करने के लिए भाजपा सरकार तैयार नहीं है. यह सरकार सिर्फ जुमलेबाजी से काम चलाना चाहती है.