गम्हरिया (सरायकेला), झारखंड – जिले के व्यस्ततम चौराहों में से एक लाल बिल्डिंग चौक पर लोगों द्वारा ट्रैफिक सिग्नल का खुलेआम उल्लंघन करना आम बात हो गई है। सिग्नल रेड होने के बावजूद दोपहिया और चारपहिया वाहन धड़ल्ले से गुजरते नजर आते हैं। इससे ना केवल यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है बल्कि आमजन की जान भी खतरे में पड़ रही है।
ZF Group कंपनी के CSR द्वारा लगाया गया है ट्रैफिक सिग्नल 🚦🚥
ZF Group ने अपने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के अंतर्गत समाज के हित में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आकाशवाणी चौक से लेकर लाल बिल्डिंग चौक, गम्हरिया तक ट्रैफिक सिग्नल लगवाना एक दूरदर्शी पहल है, जो न केवल यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित करेगा, बल्कि सड़क सुरक्षा को भी बढ़ाएगा।
परंतु लोग लापरवाही कर अपने सहित बाकि लोंगो कि जान से खिलवाड़ कर रहे हैं.
सिग्नल तोड़ना बना आम चलन🚦🚥
स्थानीय निवासियों के अनुसार, वाहन चालक नियमों को नजरअंदाज कर रहे हैं। कई बार स्कूली बच्चों और बुजुर्गों को सड़क पार करने में भारी परेशानी होती है, वहीं जाम और दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ गई है।
प्रत्यक्षदर्शियों की राय:👁️👁️
“यहाँ सिग्नल तो कोई देखता ही नहीं। रेड लाइट हो या ग्रीन, सबको जल्दी रहती है,” – रामप्रसाद , स्थानीय दुकानदार
स्थानीय निवासी संध्या कुमारी ने इस स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा,
“जो लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करते हैं, उन्हें ही सबसे ज़्यादा परेशानी होती है। मंचले लड़के बिना हेलमेट और मॉडिफाइड साइलेंसर वाले बाइकों पर तेज रफ़्तार में निकलते हैं। साइलेंसर से ऐसा फटाका मारते हैं जैसे बम फूट रहा हो।”
नियम मानने वालों को भुगतना पड़ता खामियाजा है
संध्या कुमारी जैसी महिला आम नागरिक जब रेड लाइट पर रूकती हैं, तो पीछे से हार्न बजाना, ज़बरदस्ती साइड लेने की कोशिश या तेज़ आवाज़ वाले साइलेंसर से डराना – यह सब रोजमर्रा की घटनाएँ बन गई हैं। इससे महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे मानसिक रूप से भी परेशान रहते हैं।
मंचलों का आतंक
बिना हेलमेट के तेज रफ़्तार बाइक चलाना
मॉडिफाइड साइलेंसर से धमाके जैसी आवाज़
सिग्नल तोड़ना और ओवरटेक करना
अक्सर स्कूल और कॉलेज टाइम पर भीड़ भाड़ करना
झारखंड ट्रैफिक कानून में क्या है प्रावधान?
झारखंड में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन मोटर वाहन अधिनियम 1988 (Motor Vehicles Act, 1988) के तहत दंडनीय अपराध है। 2019 में हुए संशोधन के बाद सख्त दंड का प्रावधान किया गया है।
ट्रैफिक सिग्नल उल्लंघन पर दंड:
धारा 184 (खतरनाक ड्राइविंग) के तहत:
पहली बार अपराध करने पर 5000 जुर्माना या 6 माह तक की कैद या दोनों
पुनः अपराध करने पर 10,000 तक का जुर्माना और 1 साल तक की कैद
धारा 177A (स्वचालित सिग्नल का उल्लंघन):
1000 से 2000 तक जुर्माना
ट्रैफिक पुलिस द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस निलंबन की प्रक्रिया
क्यों जरूरी है ट्रैफिक नियमों का पालन?
1. दुर्घटनाओं से बचाव: सिग्नल का पालन दुर्घटनाओं को कम करता है।
2. यातायात नियंत्रण: सुगम ट्रैफिक फ्लो सुनिश्चित करता है।
3. कानूनी परेशानी से मुक्ति: नियम तोड़ने पर चालान, लाइसेंस निलंबन या कोर्ट केस हो सकता है।
प्रशासन से अपेक्षा
स्थानीय लोगों की मांग है कि गम्हरिया के लाल बिल्डिंग चौक पर CCTV कैमरा लगाया जाए, नियमित पुलिस तैनाती हो और डिजिटल चालान प्रणाली को सख्ती से लागू किया जाए। साथ ही स्कूलों, कॉलेजों और मोहल्लों में ट्रैफिक अवेयरनेस अभियान चलाया जाए।