भारत मे भारतीय सूचना अधिकार अधिनियम 2005 लगू हो चुका है और इस अधिनियम मे सूचना प्रदान करने के लिए समय सीमा भी धारा 7 में तय किया गया है बावजूद नहीं होता कोई एक्शन।
चितरंजन प्रसाद गुप्ता आर टी आई सक्रिय कार्यकर्ता सह प्रदेश अध्यक्ष भारतीय नागरिक अधिकार रक्षामंच ने जन सूचना पदाधिकारी सह खाश महल पदाधिकारी हजारीबाग से नियमानुकूल दिनांक 5/9/2024 को सूचना मांग किया लेकिन सूचना आज दिनांक 3/6/2025 मे भी नही मिला।
हजारीबाग मे, सूचना अधिकार अधिनियम 2005 की स्थिति बहुत ही खराब है यहाँ जन सूचना पदाधिकारीगण कोई ना कोई बहाना लगाकर सूचना नही देते है और प्रथम अपीलीय पदाधिकारी भी अपील का सुनवाई नहीं करते है और ना ही सूचना दिलवाते है ऐसे मे झारखंड की जनता को सूचना लेने हेतू कार्यालयो को चक्कर लगाना पड रहा है साथ ही साथ आर्थिक, मानसिक, शारीरिक, प्रताड़ित भी हो रहे है कार्यालय के जन सूचना पदाधिकारीगण से और अपीलीय पदाधिकारीगण से ऐसे मे झारखंड मे कानून का राज कैसे स्थापित होगा ? समझ के परे है सरकार की काम काज और रिश्वत का प्रचलन से लोग हताश हो रहे हैं।
उपायुक्त हजारीबाग को मांग पत्र देकर आज दिनांक 3/6/2025 के माध्यम से कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग झारखंड सरकार के द्वारा जारी निर्देश पत्राक 6433 दिनांक 11/10/2021 को अनुपालन हजारीबाग के सभी कार्यालय के जन सूचना पदाधिकारीगण और अपीलीय पदाधिकारीगण से करवाया जाए।
हजारीबाग के प्रखंड और अंचल और अन्य सभी कार्यालय आम जनता के द्वारा सूचना आवेदन दिया जाता है इसे दबाकर रखते है जो गहरी चिंता का विषय है।

हजारीबाग के सभी अंचलो को भी पूर्व उपायुक्त हजारीबाग के निर्देश अनुसार,, विधि शाखा प्रभारी हजारीबाग ने पत्राक संख्या 5058 दिनांक 16/11/2022 को भेजा गया है सूचना अधिकार अधिनियम के तहत पंजी 2 की प्रति उपलब्ध करवाने के लिए इसका भी अनुपालन नही किया जा रहा है और कुछ अन्य लोगो को पंजी 2 की प्रति दिया जा रहा है लाभान्वित होकर का शिकायत भी मिल रहा है।

सूचना अधिकार अधिनियम 2005 का उद्देश्य है कि राज्य सरकार हो या राज्य सरकार के अधिकारी या कर्मचारी का कार्यकलाप का पारदर्शिता रखने के लिए।