रांची: झारखंड दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम ने फाइनल मैच में बंगाल को हराकर ट्रॉफी पर कब्जा किया. झारखंड ने टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला लिया. बंगाल की टीम 20 ओवर में 10 विकेट गवांकर 178 रन का लक्ष्य झारखंड को दिया. झारखंड टीम की ओर से बी-1 केटेगरी के सुजीत मुंडा (कप्तान) ने चार ओवर में 30 रन देकर दो विकेट लिए. वहीं बी-2 राजीव रंजन ने दो विकेट लिया. संजीव केरकेट्टा (उपकप्तान) ने दो विकेट लिया. अन्य खिलाड़ी रन आउट होकर अपना विकेट गवां दिया.
जवाब में उतरे झारखंड ने मात्र 15.4 ओवर में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए तीन विकेट गवांकर सात विकेटों से लगातार दूसरी बार ट्रॉफी अपने नाम की.
सुजीत मुंडा का ऑलराउंड प्रदर्शन
गेंदबाजी के बाद बल्लेबाजी में भी सुजीत मुंडा ने जबरदस्त प्रदर्शन किया. राजीव रंजन को मैन ऑफ द मैच और संजीव केरकट्टा (उपकप्तान) को मैन ऑफ द सीरीज दिया गया.
झारखंड टीम में बी-1 केटेगरी में अशोक टोप्पो, सुजीत मुंडा, हरिलाल टुडू, छोटू, विजय, बी-2 केटेगरी में रोहित उरांव, राजीव रंजन, तेजू कुमार, राहुल झा, बी-3 केटेगरी में संजीव केरकेट्टा, निशित बर, शंकर महतो, मुकुंद मेहरा और मंगल हांसदा शामिल थे.
लक्ष्य फाॅर डिफरेंटली एबल संस्था के उपाध्यक्ष अमर शर्मा ने बताया कि बहुत कम संसाधनों के बावजूद भी झारखंड दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम इतिहास रच रही. लक्ष्य फाॅर डिफरेंटली एबल संस्था के अरुण कुमार सिंह ने सारे खिलाड़ियों को बधाई दिया और आगामी 28 जनवरी 2020 नेशनल टूर्नामेंट के लिए शुभकामनायें दी.
अरुण कुमार सिंह ने कहा कि दिव्यांगता होने के बाबजूद इन खिलाड़ियों में इतना हूनर है कि वे अपने जौहर से राज्य व देश का नाम रौशन कर सकते है, बस इन्हें मौका मिलना चाहिए. संस्था दिव्यांगजनों के सर्वांगीण विकास हेतु, उनके अधिकार , शिक्षा व अन्य गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाती है ताकि दिव्यांग जनों को भी समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके.
झारखंड विकलांग जन फोरम के सदस्यों साइटसेवर्स के पदाधिकारियों विभिन्न दिव्यांग जन समूह के सदस्यों ने झारखंड टीम को जीत पर बधाई दी. साथ ही सभी ने उम्मीद जताई कि टीम को प्रैक्टिस के लिए मैदान एवं अन्य सुविधाएं सरकार जल्द उपलब्ध कराएगी.