उत्तर प्रदेश: ‘बस पॉलिटिक्स’ पर कांग्रेस और योगी सरकार में वार-पलटवार जारी है. यूपी परिवहन विभाग ने कांग्रेस द्वारा भेजी गई बसों की लिस्ट में करीब 492 वाहनों की पड़ताल की है. विभाग का दावा है कि 70 बसों का कोई सरकारी रिकॉर्ड नहीं है. 59 बसें अनफिट हैं और 29 के इंश्योरेंस नहीं हैं. कांग्रेस की बसों की लिस्ट में 31 ऑटो, 69 एंबुलेंस और ट्रक जैसे वाहन हैं.
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार ने दावा किया था प्रियंका के ऑफिस की तरफ से दी गई लिस्ट में कुछ नंबर मोटरसाइकिल, कार और तिपहिया वाहनों के हैं. फिर यूपी सरकार के गृह विभाग ने प्रियंका गांधी वाड्रा के सचिव को लिखे खत में कहा कि 500 बसें गाजियाबाद के साहिबाबाद में और 500 बसें नोएडा में उपलब्ध करा दीजिए. सभी बसों को दोनों जिलों के जिलाधिकारी रिसीव करेंगे.
हालांकि आगरा में बसों को प्रवेश की अनुमति न दिए जाने के बाद मामला फिर गरमा गया. प्रियंका गांधी ने योगी सरकार को एक बार फिर पत्र लिखा. गृह सचिव को लिखे गए पत्र में कहा गया कि आगरा प्रशासन तीन घंटे से बसों को प्रवेश की अनुमित नहीं दे रहा है. उन्होंने अनुरोध किया कि राज्य में बसों को प्रवेश की अनुमति दी जाए.
फिलहाल यूपी-राजस्थान के बॉर्डर पर हालात तनावपूर्ण है. पुलिस और कांग्रेसियों के बीच जमकर नोकझोंक हुई है. यूपी कांग्रेस अध्यक्ष धरने पर बैठ गए हैं. इससे पहले यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने कांग्रेस द्वारा भेजी गई बसों की सूची में से कुछ बसों की संख्या बदल दी है और झूठे आरोप लगा रही है.