संवाददाता,
रांची: निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव में अधिक से अधिक बूथ एप्प के इस्तेमाल की अपील की है. इसको लेकर गुरुवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय चौबे ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से नौ जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को बूथ एप के उपयोग की जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि इसके उपयोग से मतदान का रीयल टाइम एनालिसिस संभव है. मतदान कर्मियों को इस एप्प से काम करने में काफी सहूलियत हो जाएगी.
मतदाता अपने टोकन नंबर के हिसाब से अपनी बारी के आने पर वोट डाल सकेंगे. उन्होंने कहा कि नौ जिलों के दस विधानसभा क्षेत्र जमशेदपुर (पश्चिम), जमशेदपुर(पूर्वी), चाईबासा, रामगढ़, हजारीबाग, रांची, देवघर, गांडेय, बोकारो औऱ झरिया में बूथ एप्प का उपयोग किया जाएगा.
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे तथा अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कृपानंद झा ने सभी संबंधित जिलों के जिला निर्वाची पदाधिकारियों को बूथ एप्प की उपयोगिता पर जानकारी दी.
मतदाताओं को मतदान केंद्र में मिलेगा क्यू टोकन नंबर
सभी बूथों पर बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के द्वारा मतदाताओं को क्यूआर कोड युक्त फोटो वोटर्स स्लिप वितरित किए जाएंगे.
मतदाता जब इस वोटर्स स्लिप के साथ मतदान केंद्र पर वोट देने जायेंगे, तब वहां पर बीएलओ के द्वारा फोटो वोटर्स स्लिप के क्यूआर कोड का स्कैन किया जाएगा.
इससे मतदाता से संबंधित जानकारियां प्राप्त हो जाएगी एवं उन्हें एक क्यू टोकन नंबर (क्यूटीएन) उपलब्ध करा दिया जाएगा. मतदाता इसी क्यूटीएन के अनुसार अपनी बारी आने पर वोट डाल सकेंगे.
मतदान से जुड़ी जानकारी रियल टाइम में मिलेगी
आयोग की ओर से बताया गया कि मतदान के दिन बूथों पर मतदान प्रतिशत की जानकारी इस एप्प के जरिए रियल टाइम में मिल जाएगी. इससे यह भी आसानी से पता चल जाएगा कि कितने पुरुष औऱ कितनी महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है.
इस एप्प की यह भी खासियत है कि इसके माध्यम से मतदान के दिन रियल टाइम में मतदान से संबंधित अद्यतन जानकारी निर्वाची पदाधिकारी (आरओ), जिला निर्वाचन पदाधिकारी (डीईओ) औऱ मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) के डैश बोर्ड पर उपलब्ध रहेगा.
मतदाताओं की आसानी से हो सकेगी पहचान
बूथ एप्प से मतदान केंद्रों में मतदाताओं की पहचान आसानी से की जा सकेगी. निष्पक्ष औऱ पारदर्शी चुनाव कराने में यह एप्प बेहद कारगर साबित होगा.
इसका इस्तेमाल भी काफी सरल और सुविधाजनक है. यह एप्प मतदानकर्मियों के लिए भी काफी सुविधाजनक है.
इससे उन्हें मतदान से जुड़े कार्यों को संपादित करने में काफी सहूलियत होगी. इसके जरिए प्रतिवेदन को रियल टाइम में भेजा जा सकता है, वहीं पीठासीन पदाधिकारी द्वारा भी डायरी ऑनलाइन अपलोड किया जा सकता है.
इसके साथ वोटर्स टर्नआउट से जुड़े डेटा भी रियल टाइम में उपलब्ध होंगे.