आतंकवादी संगठन अलकायदा कमजोर नहीं हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान से संचालित लश्कर-ए-तैयबा और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी समुहों के साथ उसका सहयोग जारी है। यूएन की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अलकायदा के सरगना अयमन मुहम्मद अल-जवाहिरी की सेहत और उसके बाद संगठन के काम करने के तरीके को लेकर अभी भी संदेह है। विश्लेषणात्मक समर्थन एंव प्रतिबंध निगरानी टीम की 24वीं रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है। इसी महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अलकायदा प्रतिबंध समिति को रिपोर्ट सौंपी गई है। गौरतलब है कि प्रतिबंध निगरानी टीम इस्लामिक स्टेट, अलकायदा और संबंधित व्यक्तियों, समूहों, उपक्रमों और कंपनियों पर सुरक्षा परिषद को हर छह महीने में स्वतंत्र रिपोर्ट सौंपती है।
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अलकायदा अफगानिस्तान को अपने नेतृत्व के लिए सुरक्षित पनाहगाह मानता रहा है। इसलिए वह तालिबान के साथ अपने लंबे एंव मजबूत संबंधों पर निर्भर रहता है। रिपोर्ट के अनुसार, अलकायदा बदख्शां प्रांत, खास कर ताजिकिस्तान के शिगनान इलाके के साथ ही पकतिका प्रांत के बारमल में अपनी मजबूती करना चाहता है।
रिपोर्ट में अलकायदा और तालिबान के रिश्तों का जिक्र किया गया है।रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि अलकायदा का लश्कर-ए-तैयबा और हक्कानी नेटवर्क के साथ करीब से सहयोग जारी है। अलकायदा का सदस्यों का तालिबान के लिए सैन्य एंव धार्मिक निर्देशकों के तौर पर नियमित रूप से काम करना जारी है।