उपेंद्र सिंह
रांची
झारखंड में सुषमा स्वराज की यादों को समेटे हुये वैसे तो छोटी -बड़ी कई बातें हैं. झारखंड भाजपा के कई कार्यक्रमों में इन्होंने शिरकत की थी. 2006 में बुंडू में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित किया था. उस समय राज्य के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा थे. 2014 में उनका कांके विधानसभा क्षेत्र में चुनावी जनसभा हुआ था. इनके अलावा जमशेदपुर में भी उनका आगमन हुआ था, जब भाजपा विधायक सरयू राय के कार्यक्रम में उन्होंने शिरकत की थी. इन तरह की तमाम यादें उनके साथ रांची और राज्य के विभिन्न इलाकों से जुड़ी हुई हैं. सुषमा स्वराज का व्यक्तित्व और कृतित्व अब सिर्फ यादों के झरोखे में रह गया है. उनके निधन पर जहां प्रदेश भाजपा के नेता मर्माहत हैं, वहीं उनकी भरपाई नहीं होने तक की बातें कह रहे हैं.
सबसे बड़ी और अविस्मरणीय बात यह है जब सऊदी अरब की राजधानी रियाद में नरक की जिंदगी जी रहे 41 झारखंडी मजदूरों को अगवा कर बंधक बना लिया गया था. विदेश मंत्री रहते हुए सुषमा स्वराज ने इनकी रिहाई करायी थी, जिससे वह सभी मजदूरों के लिए भगवान बन गयी थीं. आज भी ये बंधक रहे मजदूर उन्हें देवदूत मानते हैं, जिनकी बदौलत वे अपने परिवार से मिल पाये. रिहा होने के ये 41 मजदूरों में गिरिडीह और हजारीबाग में रह रहे हैं. एलएनटी कंपनी में नौकरी की आस लिए सउदी अरब गए गिरिडीह एवं हजारीबाग के 41 प्रवासी मजदूर कंपनी व एजेंट की धोखाधड़ी का शिकार होकर सउदी अरब के रियाद में ये बुरी तरह से फंस गए थे.
नौकरी देने वाली कंपनी इन मजदूरों को पिछले आठ महीने से वेतन देना तो दूर की बात दो वक्त का खाना तक नहीं दे रही थी. सभी 41 मजदूरों को एक कमरे में रखा गया था. इन लाचार मजदूरों ने अपना वीडियो भेजकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से इंसाफ दिलाने एवं वतन वापसी कराने की गुहार लगाई थी. एक एजेंट के माध्यम से गिरिडीह जिले के बगोदर, पीरटांड़ एवं बोकारो जिले के गोमिया व हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ के 41 मजदूर छह जुलाई 2016 को एलएनटी कंपनी में नौकरी के लिए रियाद गए थे.
झारखंड प्रदेश भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने सुषमा स्वराज के निधन को पार्टी के लिए भारी क्षति बताया है. राज्य के खाद्य, आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने भी इनके निधन पर दुख जताया है. उनका कहना है कि उनका झारखंड से काफी लगाव रहा है. झारखंड भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष प्रिया सिंह पटेल और रागिनी सिन्हा ने भी सुषमा स्वराज के निधन को अपूरनीय क्षति कहा है. प्रदेश महामंत्री दीपक प्रकाश, प्रवक्ता प्रवीण प्रभाकर, प्रतुल शाहदेव समेत वरिष्ठ नेताओं ने सुषमा स्वराज के निधन पर शोक व्यक्त किया है. इन नेताओं ने कहा है कि इस समाचार पर सभी स्तब्ध हैं. उनका देश के लिए योगदान को भुलाया नहीं जा सकेगा. उनका व्यक्तित्व हमेशा पार्टी कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है. भाजपा को खड़ा करने में उन्होंने कड़ी मेहनत की. विदेश मंत्री के रूप में विदेश में बसे भारतीयों के साथ सीधे जुड़ी रहीं और मदद करती रहीं. झारखंड से भी उन्हें विशेष लगाव रहा.