दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में स्थित तीर्थ नगरी ब्रजघाट स्थित गंगा में बड़े-बड़े लोगों की अस्थियां विसर्जित हुई हैं। एक साल के भीतर गंगा नगरी से दो बड़े नाम और जुड़ गए। पहले भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और अब पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अस्थियां यहां गंगा में विसर्जित की गई हैं। एक साल पहले 25 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां ब्रजघाट गंगा में विसर्जित की गई थीं। धर्मनगरी में लोकप्रिय नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के लिए जनसैलाब उमड़ा था। वहीं सुषमा स्वराज के अस्थि कलश पर पुष्प अर्पित करने के लिए गुरुवार को हजारों लोग ब्रजघाट पहुंचे। वहां मौजूद लोगों ने पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को नमन किया।
वहीं, एक दिन पहले बृहस्पतिवार को हापुड़ में ब्रजघाट पर पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अस्थियां गंगा की पावन धाराओं में विसर्जित कर दी गईं। इससे पूर्व हजारों लोगों ने अस्थि कलश पर पुष्प अर्पित किए। सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज पिता स्वराज कौशल सहित अन्य परिवार के सदस्यों के साथ अस्थि कलश लेकर ब्रजघाट पहुंचीं। विसर्जन से पहले अस्थि कलश को लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस में लगे टेंट में रखा गया, जहां प्रदेश सरकार के नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, सांसद, विधायक समेत अन्य नेताओं ने पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी।
मंगलवार रात सुषमा स्वराज का दिल्ली में निधन हो गया था। बुधवार दोपहर को दिल्ली में लोधी रोड स्थित शवदाह गृह में अंतिम संस्कार किया गया। स्वराज कौशल पुत्री बांसुरी के साथ बृहस्पतिवार सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर अस्थियां लेकर ब्रजघाट पहुंचे। बांसुरी के हाथों में अस्थि कलश था। वह फफक-फफककर रो रही थीं। स्वराज कौशल अपने आंसुओं को पोंछते हुए बेटी को संभाल रहे थे। हर कोई अस्थि कलश पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि देने के लिए आतुर दिखा। नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से सांसद राजेंद्र अग्रवाल, बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु मित्तल ने भी श्रद्धांजलि दी। इसके बाद बांसुरी ने पुरोहितों द्वारा पूजा शुरू कराई। नाव में बैठकर परिवार के लोग बीच गंगा में पहुंचे, जहां विधि विधान से अस्थियां विसर्जित की गईं।