हरियाणा के यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज से रविवार को छोड़ा गया आठ लाख क्यूसेक पानी तेज़ी से दिल्ली पहुंच रहा है। ऐसे में दिल्ली में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। अगले 24 घंटे में हालात खराब होने की आशंका जताई गई है, क्योंकि हरियाणा का पानी जल्द ही यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा रहा है। इस बीच हालात की समीक्षा और बाढ़ के उपायों पर चर्चा के लिए दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार ने बाढ़ की स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बुलाई आपात बैठक। बैठक की अध्यक्षता खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल करेंगे। इस बैठक में सभी संबंधित अधिकारियों को मौजूद रहने को कहा गया है।
पुरानी दिल्ली रेलवे पुल पर सुबह 8 बजे का जलस्तर 204.56 मीटर था, लेकिन 9 बजते-बजते यह 204.70 हो गया। इससे पहले ही यमुना अपने चेतावनी संदेश 204.50 मीटर को पार कर गई है। अधिकारी उम्मीद जता रहे है कि सोमवार रात तक यमुना अपने खतरे के निशान 205.33 को पार कर जाएगी।
इससे पहले ही दिल्ली सरकार ने रविवार को ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए बाढ़ की चेतावनी जारी की है। इसके साथ-साथ निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को वहां से सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कहा गया है, क्योंकि यमुना नदी का जलस्तर के सोमवार को खतरे के निशान को पार करने की आशंका है। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि रविवार की शाम युमना नदी में जलस्तर 203.37 मीटर तक पहुंच गया था।सोमवार तक इसे बढ़कर 207 मीटर तक पहुंचने की आशंका है, क्योंकि हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से शाम 6 बजे आठ लाख 28 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से रविवार को 14 घंटे में 89 लाख तीन हजार 960 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया है। शाम पांच बजे सबसे अधिक आठ लाख 43 हजार 397 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। यह पानी 36 घंटे में दिल्ली पहुंचेगा। ऐसे में पानी के दिल्ली पहुंचने पर यमुना में बाढ़ के आसार बने हुए हैं। फिलहाल दिल्ली में यमुना का जलस्तर चेतावनी के स्तर (204.50 मीटर) से 1.15 मीटर नीचे है। फिर भी मौजूदा हालात के मद्देनजर सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग ने चेतावनी जारी की है, क्योंकि यमुना के निचले इलाके में पानी भर सकता है।
हरियाणा में यमुना में जलस्तर 203.35 मीटर है, जो खतरे के निशान (205.33) से 1.98 मीटर से नीचे है। इसी वजह से हथिनी कुंड बैराज से दोपहर एक बजे के बाद हर घंटे छह लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा रहा है। शाम पांच व छह बजे आठ-आठ लाख क्यूसेक से भी अधिक पानी छोड़ा गया है। मंगलवार को यह पानी दिल्ली पहुंच जाएगा। ऐसे में दिल्ली में यमुना में उफान आना निश्चित है। इसलिए बाढ़ व सिंचाई नियंत्रण विभाग सक्रिय हो गया है।
पूर्वी जिले के जिलाधिकारी दीपक शिंदे ने रविवार को खादर इलाकों में रहने वाले लोगों से इलाका खाली करने की अपील की। साथ ही लोगों से नदी के किनारे न जाने को कहा। दीपक शिंदे ने बताया कि सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने गीता कॉलोनी स्थित पूर्वी जिलाधिकारी कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया है, जो 24 घंटे काम करेगा। आपातकालीन स्थिति के लिए हेल्पलाइन नंबर 011-22051234 भी जारी किया है, कोई भी व्यक्ति जलस्तर से संबंधित जानकारी ले सकता है। अगर कोई व्यक्ति बाढ़ में फंस गया है तो वह इस नंबर पर फोन करके मदद ले सकता है। उन्होंने बताया कि पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी व्यक्ति को यमुना और उसके आसपास न जाने दे। प्रशासन की टीम खादर इलाकों को खाली करने के लिए मुनादी कर रही है। उन्होंने कहा कि अभी बाढ़ की स्थिति नहीं है, लेकिन आने वाले दिनों में हो सकती है।
रविवार देर शाम पूर्वी जिले के अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें जिलाधिकारी ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि वह अपने क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाएं। सोमवार तड़के ही खादर इलाकों में पहुंच जाएं और लोगों को वहां से निकालें। जिलाधिकारी के निर्देश पर रात के समय ही पुश्ता रोड पर राहत शिविर लगने शुरू हो गए।
यमुना में बाढ़ आई तो उस्मानपुर पुराना गांव, गढ़ी माडू, कश्मीरी गेट, लोहे वाला पुल, गांधी नगर, गीता कॉलोनी, किशन कुंज, मयूर विहार सहित अन्य खादर इलाकों में रहने वाले हजारों की संख्या में लोग प्रभावित होंगे। पूर्वी जिले के अतिरिक्त जिलाधिकारी अरुण गुप्ता ने बताया कि सबसे ज्यादा पूर्वी जिले के इलाके प्रभावित होते हैं, यहां खादर इलाकों में पांच हजार लोग रहते हैं। इनके लिए मयूर विहार, गांधी नगर, एनएच-9 सहित अन्य जगहों पर राहत शिविर लगाए जा रहे हैं, शिविर में रहने वाले लोगों को प्रशासन की ओर से खाना भी दिया जाएगा।
लोगों से अपील की गई है वह जरूरी सामान लेकर खादर इलाके को खाली कर दें। उन्होंने बताया कि कालिंदी कुंज बैराज के दस गेट रविवार तक खुले हुए थे, यमुना का जलस्तर जैसे बढ़ेगा वैसे ही समीक्षा बैठकर अन्य गेट भी खोल दिए जाएंगे ताकि दिल्ली में बाढ़ का ज्यादा असर न हो।