राहुल मेहता
रांची: गोपाल ने माता-पिता के बाजार से लौटने के पूर्व बिना बोले घर व्यवस्थित कर दिया था. उसने जूठा कप और गिलास भी धो दिया था. उसे लगा उसने अच्छा कार्य किया है. पर यह क्या ? उसके अभिभावकों ने उसके कार्य पर कोई टिप्पणी ही नहीं की ? गोपाल इंतेजार करता रह गया.
जब कोई आपके कामों की तारीफ करता है या आपके कामों को नजर अंदाज करता है तो आपको कैसा लगता है ? अक्सर हम भारतीय बड़ी उपलब्धियों की तो तारीफ करते हैं पर छोटे- छोटे उपलब्धियों की खुल कर तारीफ नहीं करते. हमें यह नहीं भुलना चाहिए कि छोटे- छोटे उपलब्धियां ही बड़ी उपलब्धियों का मार्ग प्रशस्त करती हैं. कामों की प्रशंसा सभी को विशेषकर बच्चों को बेहतर व्यवहार/प्रदर्शन के लिए प्रेरित करती है. अतः जब बच्चा कुछ अच्छा करता है तो उसकी तारीफ(प्रशंसा) अवश्य करें और उसे पुरस्कृत करें. बच्चे की प्रशंसा उसे अच्छे व्यवहार के लिए प्रेरित करती है, इसलिए अनुशासन की आवश्यकता कम होती है.
बच्चों के लिए प्रशंसा:
- प्रशंसा का अर्थ है उचित एवं सकारात्मक प्रतिक्रिया द्वारा बच्चे के अच्छे काम को स्वीकारना.
- प्रशंसा का अर्थ होता है बच्चे के काम पर आपने ध्यान दिया है और यह आपको अच्छा लगा है.
- प्रशंसा एक टिप्पणी या लम्बा संवाद हो सकता है.
- प्रशंसा बच्चे के साथ या किसी अन्य व्यक्ति के साथ साझा की जा सकती है.
- तुलना के बजाय सभी बच्चों में कुछ सकारात्मक खोज उसे बढ़ाना महत्वपूर्ण है.
- नकारात्मक चीजों को सुधार के उद्देश्य से बताएं.
प्रशंसा करने का तरीका :
- ध्यान दें कि प्रत्येक बच्चा क्या कर रहा है.
- बच्चे को बताएं कि आपने क्या देखा है या उसका क्या कार्य आपको अच्छा लगा.
- आप जिस व्यवहार की प्रशंसा कर रहे हैं, उसे स्पष्ट करें. जैसे
- “तुमने आज घर की सफाई की, अच्छा लगा. मुझे पता है यह मेहनत का काम था. शाबाश.”
- “मैंने सुना है कि तुमने स्कूल में अच्छा किया है. शाबाश, मुझे तुम पर गर्व है.”
पुरस्कृत करने का तरीका :
- बच्चे को पुरस्कार स्वरुप छोटा ही सही तुरंत कुछ दें. दीर्घकालिक वादा न करें.
- पुरस्कार स्वरुप उनके पसंद की उपयोगी सामग्री, पुस्तक, पसंद का भोजन, खेलने का अतिरिक्त समय, अस्थायी विशेषाधिकार (जैसे कुछ पसंद करना, निर्णय लेना आदि), घुमाने ले जाना आदि दिया जा सकता है.
- बच्चे पर विशेष या अतिरिक्त ध्यान देना और उसे प्यार करना भी एक प्रकार का पुरस्कार है.
- नगद पैसा देने के बजाय उसके गुल्लक में पैसा डाल दें या उसे डालने बोलें.
यदि बच्चा अवांछित व्यवहार (जैसे मारना, गाली देना, फाड़ना, मोबाईल गेम खेलना, लगातार कार्टून देखना आदि) को नियंत्रित करने का प्रयास करता है तो उसके प्रयास की प्रशंसा अवश्य करें और उसे बेहतर करने के लिए प्रेरित करें. वांछित व्यवहार के लिए तर्कपूर्ण एवं बच्चे के सीमा अनुरूप लक्ष्य निर्धारित किया जा सकता है. साथ ही ध्यान रखना चाहिए कि प्रशंसा या पुरस्कार सम्बंधित व्यवहार में एकरूपता बच्चे के व्यवहार सुधार में सहायक होती है.
परवरिश सीजन – 1
बच्चों की बेहतर पालन-पोषण और अभिभावकों की जिम्मेदारियां (परवरिश -1)
बेहतर पालन-पोषण के लिए सकारात्मक सामाजिक नियम अनिवार्य और महत्वपूर्ण हैं (परवरिश-2)
अभिभावक – बाल संवाद (परवरिश-5)
बच्चे दुर्व्यवहार क्यों करते हैं? (परवरिश-8)
मर्यादा निर्धारित करना, (परवरिश-9)
बच्चों को अनुशासित करने के सकारात्मक तरीके (परवरिश-10)
भावनाओं पर नियंत्रण (परवरिश-12)
बच्चों की चिंतन प्रक्रिया और व्यवहार (परवरिश-13)
टालमटोल (बाल शिथिलता) और सफलता (परवरिश-14)
नशापान: प्रयोग से लत तक (परवरिश-15)
छेड़-छाड़ निवारण में अभिभावकों की भूमिका (परवरिश-16)
बच्चों का प्रेरणास्रोत (परवरिश-17)
बच्चों के उद्वेग का प्रबंधन (परवरिश-18)
बच्चों में समानता का भाव विकसित करना (परवरिश-19)
स्थानीय पोषक खाद्य पदार्थ (परवरिश-21)
आपदा के समय बच्चों की परवरिश (परवरिश-22)
परवरिश सीजन – 2
विद्यालय के बाद का जीवन और अवसाद (परवरिश: अभिभावक से दोस्त तक-01)
किशोरों की थकान और निंद्रा (परवरिश: अभिभावक से दोस्त तक-02)
दोषारोपण बनाम समाधान (परवरिश: अभिभावक से दोस्त तक-03)
किशोरों में आत्महत्या की प्रवृति (परवरिश: अभिभावक से दोस्त तक-04)
पितृसत्ता और किशोरियों की परवरिश (परवरिश: अभिभावक से दोस्त तक-05)
किशोर-किशोरियों में शारीरिक परिवर्तन (परवरिश: अभिभावक से दोस्त तक-06)